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आइए जानते है, पान की महत्वपूर्ण औषधिया एवं उपयोग(Let's know, important medicines and uses of betel leaf)

पान के पत्ते से विटामिन सी, थायमिन(B1), नियासिन(B3), राइबोफ्लेविन(B2) और कैरोटीन(vitamin A) जैसे विटामिन से भरे हुए हैं और कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत हैं। चूंकि पान एक सुगंधित लता है, आप इसे आसानी से अपने घरों में सजावटी पौधे के रूप में उगा सकते हैं और इससे अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


1 - मस्तिष्क पीड़ाः- 


कनपट्टियों पर पान बांधने से मस्तिष्क की वायु की पीड़ा मिट जाती |




2 - रतौंधी :-


 पान के पत्तों का रस आँख में डालने से रतौंधी की बीमारी में बहुत लाभ होता है । 

3 - हृदयविकार :-

हृदय की दुर्बलता तथा हृदय अवसाद की अवस्था में इसका प्रयोग लाभदायक है । डिजिटेलीस के स्थान पर इसका प्रयोग कर सकते हैं । इसका शर्बत पीने से हृदय का बल बढ़ता है । कफ और मदाग्नि मिटती है ।
 

4 - स्तनशोध :-

जिन स्त्रियों का बच्चा मर गया हो और स्तनों में दूध भरकर सूजन आ गई हो उन स्त्रियों के स्तनों पर पान को गर्म करके बांधने से सूजन कम हो जाती है और दूध उड़ जाता है । 

5 - बच्चों की सर्दी :-

बच्चों को सर्दी लग जाने पर पान को गर्म करके जरा सा एरंड का तेल चुपड़कर छाती पर बांधने से बच्चों की घबराहट कम हो जाती है और सर्दी का जोर मिट जाता है । 



 6 - मधुरआवाज :-

गवैये लोग रोग साफ करने के लिये और अपनी आवाज सुधरने के लिये पान की जड़ चूसा करते हैं । कण्ठ में जमे हुये कफ के निस्तारण व स्वर भंगता ठीक करने के लिये ( कुलंजन ) पान की जड़ अत्यन्त लाभप्रद हैं । 

7 - डिप्थीरियाः-

 इस रोग में जब श्वासावरोध उत्पन्न होकर रोगी को अत्यन्त कष्ट होता है तब पान के रस का सेवन करने से गले की सूजन कम हो जाती है और कफ टूटने लगता है । इस रोग में 2-5 पत्तों का रस गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ले करने से भी फायदा होता है । 10 - पान के रस को 3-4 ग्राम शहद के साथ चटाने से सूखी खाँसी मिटती है । 11 - पान के डंठल को घिसकर शहद मिलाकर चटाने से बच्चों की सर्दी व कफ में आराम मिलता है ।

8- पाचनः-

पान के चूसने पर लार की मात्रा अधिक निकलती है , जिससे पाचन क्रिया में मदद मिलती है । पेट की वादी को मिटाने वाला उत्तेजक और ग्राही है । इससे श्वॉस में मिठास हो जाती है | बोली स्पष्ट हो जाती है  और मुख की दुर्गन्ध दूर हो जाती है ।

9 - आर्द्र पृथ्वी और देश के दूषित जलवायु से होने वाले विकार पान खाने वालों को नहीं होते । 


10 - प्यास :पान खाने से प्यास कम लगती है ।


 11 - कब्जः-

पान के डंठल पर तेल चुपड़कर बच्चों की गुदा में रखने से बच्चों की कब्ज और वादी के रोग मिट जाते हैं । 

12- निर्बलता :- 

पान के शर्बत में चरपरी चीजे अर्थात ऊष्ण बेसवार मिला कर 25-25 ग्राम दिन में तीन बार पिलाने से शरीर की निर्वलता मिटती है । 

13- ज्वर :-

 साढ़े तीन ग्राम पान के अर्क को गर्म करके दिन में 2-3 बार पिलाने से ज्वर आना बन्द हो जाता है । 

14 - ग्रन्थिसूजनः -

सूजन होने पर पान को गर्म करके बांधने से सूजन और पीढ़ा कम होकर गाँठ बैठ जाती है ।

 15 - व्रण ( घाव ) :-

व्रणों ( घाव ) के ऊपर पान को बांधने से व्रण ( घाव ) जल्दी भर जाते हैं । 

Disclaimer- हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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Translate To English:-

Betel leaves are full of vitamins such as vitamin C, thiamine (B1), niacin (B3), riboflavin (B2) and carotene (vitamin A) and are a great source of calcium. As paan is an aromatic vine, you can easily grow it as a decorative plant in your home and get maximum health benefits from it.



 1 - Brain ache: -


 By tying betel leaf on the canals, the pain of the air of the brain is eradicated.




 2 - Night blindness: -



  Putting juice of betel leaves in the eye is very beneficial in night blindness.

 3 - Heart disorders: -


 Its use is beneficial in the condition of weakness of heart and heart depression. You can use it in place of digitalis. By drinking its syrup, the strength of the heart increases. Phlegm and Madagni are erased.
 

 4 - Breastfeeding: -


 If the child has died and swollen by filling milk in the breasts, tying the betel on the breasts of the women by tying them on the breast reduces swelling and makes the milk go away.

 5 - Children's winter: -


 When the children get cold, heating the betel leaves a little bit of castor oil and tying it on the chest, reduces nervousness of children and eradicates the vigor of winter.



  6 - sweet voice: -


 Singers suck the root of paan to cleanse the disease and improve their voice. The root of betel (kulanjan) is very beneficial for the disposal of frozen phlegm in the gorge and to correct vocal disturbances.

 7 - Diphtheria: -


  In this disease, when asphyxia occurs due to asphyxia, taking betel juice reduces swelling of the throat and brings phlegm down. In this disease, mixing 2-5 leaves of juice with lukewarm water is also beneficial. 10 - Dry cough is cured by licking betel juice with 3-4 grams of honey. 11 - Grind betel leaf and mix honey and lick it to get relief in children's cold and phlegm.

 8- Digestion:-


 Suffering of betel leaves a large amount of saliva, which helps in digestion. It is a stimulant and receptive to the stomach. This adds sweetness to the breath. The speech becomes clear and the mouth odor goes away.

 9 - Pan-eaters do not have disorders due to the humid earth and the polluted climate of the country.

 10 - Thirst: Thirst is reduced by eating betel leaf.

  11 - Constipation:-


 Putting oil in betel leaf and placing it in the anus of children, the constipation and disease of the children are eradicated.
 

12- Weakness :-


 In the condition of betel nut mixed with grapefruit, that is, baskar mixed with warm milk, 25 grams three times a day, the body's cleanliness is erased.

 13- Fever: -


  Heat three and a half grams of betel leaf and drink it 2-3 times a day, fever stops.

 14 -Gland inflammation:-


 When there is swelling, by heating the betel and tying it, the swelling and pain are reduced and the knot settles.

  15 - Ulcer (Wound):-


 By tying betel leaf on the ulcer (wound), the ulcer (wound) heals quickly.

 Disclaimer- We have a humble request to you that you should contact your doctor before trying any remedy. Our aim is just to provide you information.

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